श्रीनगर पुलिस टीम द्वारा लगातार मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सहायता डेस्क, गुमशुदा सूचना केंद्र और महिला सहायता केंद्र सक्रिय रखे जा रहे हैं। हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचने के लिए पुलिस कर्मी भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पैदल गश्त और माइक अनाउंसमेंट के माध्यम से लोगों को सतर्क व सुरक्षित रहने की अपील कर रहे हैं। इसी क्रम में पुलिस टीम द्वारा मेले में बिछड़े कई बच्चों को परिजनों से मिलाया जा रहा है।
पहली घटना — माँ से बिछड़ा मासूम, पुलिस बनी ममता का साया
बैकुंठ चतुर्दशी मेले में आए छोटे पवन बिष्ट अपनी माँ के साथ थे लेकिन अचानक भीड़भाड़ में वह अपनी माँ से बिछड़ गया।
डरे-सहमे मासूम की आंखों में आँसू और चेहरे पर घबराहट देखकर उपस्थित पुलिस कर्मियों — हेड कॉन्स्टेबल इक़बाल अहमद, महिला कॉन्स्टेबल नीता कोठियाल व सुनिता — ने बिना एक पल गंवाए उसे संभाला और तत्काल माइक अनाउंसमेंट, पुलिस बूथ व मेले के विभिन्न हिस्सों में खोज अभियान शुरू किया। कुछ ही देर में पुलिस की सतर्कता के चलते पवन की माँ सोना देवी को खोज लिया गया।
दूसरी घटना — बेटी से बिछड़ी माँ, पुलिस ने लौटाई मुस्कान
इसी मेले में श्रीमती किरण भंडारी, निवासी डांग श्रीनगर अपनी 12 वर्षीय पुत्री के साथ घूमने आई थीं। अचानक भीड़ के बीच श्रेया कहीं गुम हो गई,सूचना मिलते ही पुलिस टीम तुरंत हरकत में आई। कुछ ही समय में मेले के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर ढूंढ खोज कर बालिका को खोज निकाला और सकुशल उसकी माँ के सुपुर्द किया।
तीसरी घटना — खोया मोबाइल को किया वापस
मेले की भीड़ में भास्कर का मोबाइल (OPPO A15) कहीं गिर गया था। फोन में उनकी कई महत्वपूर्ण जानकारियां थीं। पुलिस को सूचना मिलने पर न केवल शिकायत को गंभीरता से लिया बल्कि सीसीटीवी फुटेज और सूचना बूथ की मदद से मोबाइल को ढूंढ निकाला। कुछ ही घंटों में मोबाइल उनके परिजन शिवानी को सुरक्षित सौंपा गया।
